A poem dedicated to my national language "HINDI" :)
हिंदी से मेरा नाता
हिंदी से मेरा नाता
नजाने क्यों नहीं बन पाता!
शाला में भी इस विषय में
सबसे कम में गुणांक लाता!
संस्कृत उर्दू की मिलावट,
देव-नागरी की यहाँ सजावट,
घुल-मिल जाते सारे अक्षर
हो जाती थी वहीँ रुकावट !
हिंदी मेने कठिन थी पाई,
पर शब्दों से धनिक भी पाई,
राष्ट्रभाषा पर गर्व हुआ
जब समझ में इसकी किमत आई!
Nice post, things explained in details. Thank You.
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