Saturday, November 12, 2011

हिंदी से नाता (hindi se naata)

A poem dedicated to my national language "HINDI" :)


हिंदी से मेरा नाता 
नजाने क्यों नहीं बन पाता!
शाला में भी इस विषय में 
सबसे कम में गुणांक लाता!

संस्कृत उर्दू की मिलावट, 
देव-नागरी की यहाँ सजावट,
घुल-मिल जाते सारे अक्षर 
हो जाती थी वहीँ रुकावट !

हिंदी मेने कठिन थी पाई,
पर शब्दों से धनिक भी पाई, 
राष्ट्रभाषा पर गर्व हुआ
जब समझ में इसकी किमत आई!




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